छिपकली गिरने का विचार
मनुष्य के किस अंग पर छिपकली गिरने का क्या फल होता है, इसे नीचे लिखे अनुसार समझना चाहिए। जो फल छिपकली के गिरने का होता है, वही फल विभिन्न शारीरिक अंगों पर गिरगिट के चढ़ने का होता है।
नीचे छिपकली गिरने का जो फल लिखा है, वह पुरुष के दायें अंग और स्त्री के बायें अंग पर गिरने का समझना चाहिए।
शारीरिक अंग फल
- सिर पर प्रतिष्ठा मिले
- ललाट पर प्रियजनों का दर्शन
- नाक पर बीमारी
- दायें कान पर आयु में वृद्धि
- बायें कान पर विशेष लाभ
- दाईं भुजा पर राज्य द्वारा सम्मान
- बाईं भुजा पर राज्य द्वारा भय
- कंठ पर शत्रु नाश
- पेट पर सुख, भूषण लाभ
- पीठ पर बुद्धि नाश
- जांघ पर शुभदायक
- हाथों पर वस्त्र लाभ
- नाभि पर विशेष लाभ
- कन्धों पर विजय प्राप्ति
- पैरों पर यात्रा योग
छींक विचार
- चलते समय अपनी पीठ के पीछे अथवा बाईं ओर को छींक हो तो वह शुभ फल देती है।
- चलते समय यदि सामने की और कोई छींके तो झगड़ा होता है।
- चलते समय दाईं ओर छींक हो तो धन की हानि होती है।
- चलते समय उंचाईं पर छींक हो तो विजय प्राप्त होती है।
- यदि एक साथ दो छींकें हों तो वे शुभ फलदायक होती हैं।
- मार्ग में जाते समय छींक होना शुभ फलदायक होता है।
- आसन, शयन, शौच, दान, भोजन, अौषध सेवन, विद्यारम्भ, बीज बोने के समय, युद्ध अथवा विवाह के लिए जाते समय छींक होना शुभ फलदायक होता है।
- कन्या, विधवा, वेश्या, रजस्वला, मालिन, धोबिन तथा हरिजन स्त्री की छींक अशुभ फल देने वाली होती है। इनके छींकने पर यात्रा स्थगित कर देनी चाहिए तथा किसी कार्य को प्रारम्भ नहीं करना चाहिए।
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