शरीर पर तिल भी अपना विशेष महत्त्व रखते हैं। तिल दो तरह के होते हैं। एक तो काले रंग के तथा दूसरे सुर्ख लाल रंग जैसे। काले तिल अपना असर कम करते हैं। लाल रंग के तिल शरीर पर अपना पूरा असर करते हैं। तिल एक जगह पर जब आता है तो हमेशा उसी जगह पर स्थिर रहता है। मगर आयु के मुताबिक़ तिलों का बढ़ना भी हैरानी वाली बात नहीं है। जैसे एक तिल तो अच्छे फल वाला होता है मगर दूसरी तरफ एक अन्य तिल पैदा हो जाता है जो उसके अच्छे फल को पूरी तरह भोगने नहीं देता। अलग-अलग जगह पर तिलों के निशान का फल इस प्रकार है :-
- जिस जातक की छाती पर तिल हो तो व्यक्ति अपनी इच्छा अनुसार काम करने वाला तथा हर काम में कामयाबी हासिल करने वाला होता है।
- जिस जातक के मुख के बायें हिस्से पर तिल दिखाई दे तो जातक सुख भोगने वाला, जमीन जायदाद, सवारी का सुख तथा धार्मिक वृत्ति वाला होता है। ऐसे जातकों की संतान लड़कियां अधिक होती हैं। अगर वही तिल चमकता हो तो केवल एक ही पुत्र जानना चाहिए।
- नाक के नज़दीक अगर किसी जातक के तिल हो तो जातक बहुत सफ़र करने वाला, अपने हरेक काम में सफलता पाने वाला तथा दूसरों पर हुक्म चलाने वाला होता है मगर अपनी आयु का प्रथम भाग कम सुखों की प्राप्ति से व्यतीत करता है। यानि पिछली आयु में सुख भोगने वाला होता है।
- अगर ऐसा ही तिल किसी औरत के नाक के पास काले रंग का हो तो ३५ साल की आयु में पति की तरफ से चिंताग्रस्त होना पड़ता है।
- जिस जातक कि नाभि के नज़दीक कला हल्के से रंग का तिल दिखाई दे तो जातक जितनी देर तक जीवित रहता है अपना जीवन ऐशोआराम के साथ ही व्यतीत करता है तथा हमेशा सुखी रहता है।
- अगर किसी जातक के दायें पाँव पर तिल या मोहका हो तो जातक समझदार तो बहुत होता है मगर उसकी औरत हमेशा क्लेश करने वाली ही होती है।
- अगर किसी जातक के बायें पाँव पर तिल दिखाई दे तो ऐसा जातक खुद अपना नुकसान करने वाला होता है।
- जिस जातक के हाथ पर तिल दिखाई दे तो ऐसे जातकों को संतान का सुख पूर्ण मिलता है। संतान पढ़ी -लिखी तथा मशहूर होती है।
- पाँव की ऐड़ी पर अगर कोई तिल का निशाँ दिखाई दे तो उसका फल अशुभ होता है। ऐसे जातकों को माँग कर खाना पड़ता है। यानि बहुत दुखी और धनहीन होते हैं।
- अगर यही तिल पाँव की तली पर हो तो जातक सब प्रकार के सुखों को भोगने वाला दौलतमंद और बड़े पद को प्राप्त कर सुखी रहने वाला होता है। ऐसे तिल वाले जातक की औरत को कभी भी धन कि कमी नहीं रहती। शुरू से अंत तक सुख ही सुख भोगता है।
- अगर किसी जातक के पाँव की तर्जनी अंगुली (अंगुठे के साथ वाली) पर तिल दिखाई दे तो ऐसे जातक के जीवन का पूर्वार्द्ध तो बड़े सुख के साथ बीतता है मगर जब ५० वर्ष की आयु होती है तब तक किसी के नीचे काम करना पड़ता है। यानि रुपया पैसा कम हो जाने पर किसी दूसरे के पास नौकरी करने पर मजबूर हो जाते हैं। ५१ वें वर्ष में विशेषकर परेशान रहते हैं।
- अगर किसी जातक के पाँव के अँगूठे पर तिल हो तो जातक धार्मिक वृत्ति वाला, अपने गुरुजनो का भक्त तथा ईश्वर पर भरोसा रखने व दान पुण्य करने वाला होता है।
- अगर किसी जातक के कान के नजदीक आगे या पीछे तिल हो तो जातक संतान का सुख पाने वाला तथा धनवान होता है। संतान इसकी पढ़ी लिखी व मशहूर होती है।
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