Tuesday, February 14, 2012

अंग फडकने के शुभ-अशुभ फल

अंगों के फड़कने के विषय में सामुद्रिक शास्त्र में विस्तार से बताया गया है। शरीर के विभिन्न अंगों का फड़कना भी भविष्य में होने वाली घटनाओं से हमें अवगत कराने का एक माध्यम है। अंगों के फड़कने से भी शुभ-अशुभ की सूचना मिलती है. प्रत्येक अंग की एक अलग ही महत्ता है, एक अलग ही विशेषता है और उनके फड़कने का एक अलग ही अर्थ होता है।

सिर के अलग-अलग हिस्सों का फड़कना
सिर के अलग-अलग हिस्सों के फड़कने का भिन्न-भिन्न अर्थ होता है जैसे- मस्तक फड़कने से भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है। संपूर्ण मस्तक का फड़कना दूर स्थान की यात्रा का संकेत समझना चाहिए तथा मार्ग में परेशानियां भी आती हैं। कनपटी फड़के तो इच्छाएं पूर्ण होती है। 

यदि ललाट मध्य से फड़कने लगे तो लाभदायक यात्राएं होती हैं। यदि पूरा ललाट  फड़के तो राज्य से सम्मान और नौकरी में प्रमोशन होता है। 

सिर के बाँयी ओर के हिस्से में फडकन हो तो इसे बहुत ही शुभ माना गया है। आने वाले दिनों में यात्रा करनी पड सकती है. यदि आपकी यात्रा बिजनेस से सम्बंधित है तो ज्यादा नहीं तो थोडा बहुत लाभ अवश्य होगा. आपके सिर के दांयी ओर के हिस्से में फडकन है तो यह शुभ फलदायक स्थिति है आपको धन, किसी राज सम्मान, नौकरी में पदोंन्नती, किसी प्रतियोगिता में पुरस्कार, लाटरी में जीत, भूमि लाभ आदि की प्राप्ति हो सकती है।
आपके सिर का पिछला हिस्सा फडकता है तो समझ लीजिए आपका विदेश जाने का योग बन रहा है और वहाँ आपको धन की प्राप्ति भी होने वाली है. लेकिन अपने देश में लाभ की कोई संभवना नहीं है आपके सिर के अगले हिस्से में फडकन हो रही है तो यह स्थिति स्वदेश या परदेश दोनों में ही धन मान प्राप्ति का कारण बन सकती है। सिर का मध्य भाग फड़के तो धन की प्राप्ति होती है तथा परेशानियों से मुक्ति मिलती है। 
आपका सम्पूर्ण सिर फडक रहा है तो यह सबसे अधिक शुभ स्थिति है आपको दूसरे का धन मिल सकता है, मुकद्दमे में जीत हो सकती है. राजसम्मान मिल सकता है. या फिर भूमि की प्राप्ति हो सकती है।

कंठ आदि का फड़कना
कंठ गला तेज गति से फडकता है तो स्वादिष्ट और मनपसंद भोजन मिलता है। किसी स्त्री का कंठ फडकता है तो उसे गले का आभूषण प्राप्त होता है।
कंठ का बांया भाग फड़कता है तो धन की उपलब्धि कराता है. किसी स्त्री के कंठ के निचले हिस्से का फडकना कम मूल्य के आभूषणों की प्राप्ति की सूचना देता है कंठ का उपरी भाग फडकता है तो सोने की माला मिलने की संभावना बढ़ जाती है। कंठ की घाटी के नीचे फडकन होती है तो किसी हथियार से घायल होने की संभावना रहती है।

यदि किसी व्यक्ति की गर्दन बायीं तरफ से फड़कती है तो धन हानि होने की आशंका तथा गर्दन दायीं तरफ से फड़के तो स्वर्ण आभूषणों की प्राप्ति होती है। 
सम्पूर्ण मूँछो में फडकन है तो इसका फल बहुत ही शुभ माना गया है इससे दूध, दही, घी, धन धान्य का योग बनता है। अगर आपकी मूंछ का दांया हिस्सा फडकता है तो इसे शुभ समझना चाहिए। आपकी बाँयी मूंछ फडकती है तो आपका किसी से बहस या झगडा हो सकता है।
आपके तालू में फडकन है तो यह आर्थिक लाभ का शुभ संकेत है। दायें तालू में फडकन है तो यह बीमारी की सूचना दे रहा है। बायें तालू में फडकन है तो आप किसी अपराध में जेल जा सकते है।

आँख का फड़कना
दांयी आँख फडकती है तो यह शुभ फलदायक होता है। लेकिन अगर किसी स्त्री की दांयी आँख फडकती है तो उसे अशुभ माना जाता है।
दाहिनी आंख व भौंह फड़के तो समस्त अभिलाषा पूर्ण होती है। दायीं आँख का मध्य भाग फड़के तो व्यक्ति अपने लक्ष्य को प्राप्त कर धन अर्जित कर लेता है। दायीं आँख ऊपर की ओर के फलक में फडकती है तो धन कीर्ति आदि की वृद्धि होती है, नौकरी में पदोन्नति होती है। यदि लगातार दाहिनी पलक फडफ़ड़ाए तो शारीरिक कष्ट होता है। नीचे की फलक फड़कती है तो अशुभ होने की संभवना रहती है। दांयी आँख पीछे की ओर फडकती है तो इसका फल अशुभ होता है। दायीं आँख चारों तरफ से फड़के तो व्यक्ति के रोगी होने की संभावना रहती है।
बांई आंख का फड़कना स्त्री से दुःख का वियोग का लक्षण है। बायीं भौंह फड़के तो शुभ समाचार मिलता है। बाँयी आँख की ऊपरी फलक फडकती है तो दुश्मन से और अधिक दुश्मनी हो सकती है। नीचे की फलक फड़कती है तो किसी से बेवजह बहस हो सकती है और अपमानित होना पड सकता है। बाँयी आँख की नाक की ओर का कोना फडकता है जिसका फल शुभ होता है। पुत्र प्राप्ति की सूचना मिल सकती है या किसी प्रिय व्यक्ति से मुलाकात हो सकती है। बाँयी आँख ऊपर की और फडकती हो तो इसका फल शुभ होता है।  स्त्री की बाँयी आँख फडकती हो तो शुभ फल होता है। बाईं आँख चारो और से फड़कने लगे तो विवाह के योग बनते है।
दोनों आँखे एक साथ फडकती हो तो चाहे वह स्त्री की हो या पुरुष की उनका फल एक जैसा ही होता है। किसी बिछुडे हुए अच्छे मित्र से मुलाकात हो सकती है।

दोनों भौंह के बीच का स्थान फड़के तो प्रेम मिलता है। दोनों भौहें फड़के तो व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

अन्य भाग
यदि किसी व्यक्ति के नाक फड़फड़ाती है तो उसके व्यवसाय में बढ़ोतरी होती है। नाक की नोक फड़फड़ाती हो तो किसी आने वाले संकट की सूचना देती है अथवा व्यक्ति शीघ्र रोगी होकर शैय्या पकड़ लेता है। किसी व्यक्ति के नाक के नथुने के अंदर फड़फड़ाहट महसूस हो तो उसे सुख मिलता है। यदि नाक के जड़ फड़के तो लड़ाई झगड़ा होने की सम्भावना रहती है। 

यदि दाहिने कान का छेद फड़फड़ाता है तो मित्र से मुलाकात होती है। यदि दाहिना फड़फड़ाता है तो पद बड़े, अच्छे समाचार की प्राप्ति हो, विजय मिले। यदि बायें कान का पिछला भाग फड़कता है तो मित्र से बुलावा आता है अथवा कोई खुशखबरी भरा पत्र मिलता है। यदि बायाँ कान बजे तो बुरी खबर सुनने को मिलती है।

किसी स्वस्थ व्यक्ति का दाहिना गाल फड़के तो उसे लाभ होता है। सुन्दर स्त्री से लाभ मिलता है। किसी व्यक्ति के संतान उत्पन्न होने वाली हो और उसके बाएं गाल के मध्य में फड़फड़ाहट हो तो उसके घर कन्या का जनम होता है और जन्म होने की संभावना न हो तो पुत्री से कोई शुभ समाचार मिलता है।

अगर किसी व्यक्ति के दोनों गाल समान रूप से फड़के तो उसे अतुल धन की प्राप्ति होती है। यदि ऊपरी होंठ फड़फड़ाये तो शत्रुओं से हो रहे झगडे में समझौता हो जाता है। यदि दोनों होंठ फडफ़ड़ाएं तो हितैषी का आगमन होता है या कही से शुभ समाचार मिलता है। पूरा मुंह फड़के तो व्यक्ति की मनोकामनाएं पूर्ण होती है या पुत्र की ओर से शुभ समाचार का सूचक होती है। अगर ठोड़ी में फड़फड़ाहट का अनुभव हो तो मित्र के आगमन की सूचना देता है।

यदि तालु फड़के तो धन की प्राप्ति होती है। यदि बायां तालु फड़के तो व्यक्ति को जेल यात्रा तक करनी पड़ सकती है। यदि दांत का ऊपरी भाग फड़फड़ाहट करता है तो व्यक्ति को प्रसन्नता प्राप्त होती है। यदि जीभ फड़के तो लड़ाई झगड़ा होता है, विजय मिलती है।

शरीर के मध्य भागों का फड़कना
पीठ फड़के तो विपदा में फंसने की संभावना रहती है। दाहिनी ओर की बगल फड़के तो नेत्रों का रोग हो जाता है। पसलियां फड़के तो विपदा आती है। छाती में फडफ़ड़ाहट मित्र से मिलने का सूचक होती है। छाती के दाहिनी ओर फडफ़ड़ाहट हो तो विपदा का संकेत, बायीं और फडफ़ड़ाहट हो तो जीवन में संघर्ष और मध्य में फडफ़ड़ाहट हो तो लोकप्रियता मिलती है। 

ह्रदय का ऊपरी भाग फड़के तो झगड़ा होने की संभावना होती है। आपके पेट में फडकन है तो यह अन्न की समृद्धि की सूचना देता है। यदि पेट का दांया हिस्सा फडक रहा है तो घर में धन दौलत की वृद्धि होगी सुख और खुशहाली बडती है.अगर आपके पेट का बांया हिस्सा फडकता है तो धन समृद्धि धीमी गति से बडती है वैसे यह शुभ नहीं है। पेट का उपरी भाग फडकता है तो यह अशुभ होता है। लेकिन पेट के नीचे का भाग फडकता है तो स्वादिष्ट भोजन की प्राप्ति होती है।

पीठ दांयी ओर से फडक रही है तो धन धान्य की वृद्धि हो सकती है लेकिन पीठ के बांये भाग का फडकना ठीक नहीं होता है। मुकद्दमे में हार या किसी से झगडा हो सकता है। बायी पीठ में फडकन धीमी हो तो परिवार में कन्या का जन्म होना संभव है और फडकन तेज हो तो अपरिपक्व यानि समय से पहले ही प्रसव हो सकता है। पीठ का उपरी हिस्सा फडक रहा हो तो धन की प्राप्ति होती है और पीठ का निचला हिस्सा फडकता है तो बहुत से मनुष्यों की प्रशंसा मिलने की संभावना रहती है। कमर की दायीं ओर की फड़फड़ाहट विपदा का संकेत देती है और बायीं ओर की फड़फड़ाहट किसी शुभ समाचार का संकेत देती है। 

हाथ के विभिन्न हिस्सों का फड़कना
दाहिनी ओर का कंधा फड़के तो धन-संपदा मिलती है या भाई से मिलन होता है। बांई ओर का फड़के तो व्यक्ति बीमार पड़ता है नाना प्रकार की चिंता सताती है या रक्त विकार या वात सम्बन्धी विकार उत्पन्न हो सकते हैं और यदि दोनों कंधे फड़कें तो झगड़े की संभावना रहती है। दाईं ओर की बाजू फड़के तो धन व यश लाभ तथा बाईं ओर की बाजू फड़के तो नष्ट या खोई वस्तु मिल जाती है। दाईं ओर की कोहनी फड़के तो झगड़ा होता है परन्तु विजय  ही मिलती है बाईं ओर की कोहनी फड़के तो धन की प्राप्ति होती है।

किसी व्यक्ति के दाहिने हाथ का अंगूठा फड़फड़ाये तो उसकी अभिलाषा पूर्ति में विलम्ब होता है या यह शुभ समाचार मिलने का संकेत भी माना जा सकता है। बाएं हाथ का अंगूठा फड़कना हानि होने का संकेत है। हाथ की उंगलियां फड़फड़ाये तो अभिलाषा की पूर्ति के साथ-साथ किसी मित्र से मिलान होता है। हथेली में यदि फडफ़ड़ाहट हो तो यह शुभ शकुन है उसे आने वाले समय में शुभ सम्पदा की प्राप्ति होती है।  हथेली के किसी कोने में फड़फड़ाहट हो तो विपदा में फँस जाता है। यदि किसी व्यक्ति के बायें हाथ की हथेली में फड़फड़ाहट हो और वो व्यक्ति रोगी हो तो उसे शीघ्र ही स्वास्थ्य लाभ मिलता है।

पैर के विभिन्न हिस्सों का फड़कना

दाहिनी ओर की जांघ फड़के तो अपमान होता है या यह शत्रु शांत होने का संकेत भी माना जा सकता है। बाईं ओर की जांघ फड़कने  से धन लाभ होता है या फिर यह मित्र से सहायता मिलने  का संकेत भी माना जा सकता है। 

आपके दांये घुटने में फड़कन है तो आपको सोने की प्राप्ति हो सकती है और यदि दांये घुटने का निचला हिस्सा फडक रहा है तो यह शत्रु पर विजय हासिल करने का संकेत है। आपके बांये घुटने का निचला हिस्सा फडक रहा है तो आपके कार्य पूरा होने की संभावना बड जाती है. बाये घुटने का उपरी हिस्सा फडक रहा है तो इसका फल कुछ नहीं होता है।

पाँव की पिंडलियाँ फड़कने से काम में बाधा उत्पन्न होती है या फिर यह शत्रु द्वारा परेशानी का संकेत भी माना जा सकता है। 
नितंबों के फड़कने पर प्रसिद्धि व सुख मिलता है। गुप्तांग फड़के तो दूर की यात्रा पर जाना होता है। दाईं ओर का अंडकोष फड़के तो खोई वस्तु की प्राप्ति होती है, बाईं ओर का फड़के तो पुत्र से सुख और विदेश यात्रा का योग बनता है। दाहिनें पैर का तलवा फड़के तो कठिनाइयों का सामना करना पड़ता हैबाईं ओर का फड़के तो निश्चित रूप से यात्रा पर जाना होता है।
इसी प्रकार अलग-अलग अंग के फड़कने के अलग-अलग फल मिलते हैं।
  • यदि मस्तक फड़के तो भू-लाभ मिलता है।
  •  ललाट का फड़कना स्थान लाभ दिलाता है।
  •  यदि कंधे फड़के तो भोग-विलास में वृद्धि होती है।
  •  दोनों भौंहों के मध्य फड़कन सुख देने वाली होती है।
  •  कपोल फड़के तो शुभ कार्य होते हैं।
  •  नेत्र का फड़कना धन लाभ दिलाता है।
  •  नेत्रकोण फड़के तो आर्थिक उन्नति होती है।
  • आँखों के पास फड़कन हो तो प्रिय का मिलन होता है।
  • हाथों का फड़कना उत्तम कार्य से धन मिलने का सूचक है।
  •  वक्षःस्थल का फड़कना विजय दिलाने वाला होता है।
  •  हृदय फड़के तो इष्टसिद्धि दिलाती है।
  •  नाभि का फड़कना स्त्री को हानि पहुँचाता है।
  •  उदर का फड़कना कोषवृद्धि होती है
  •  गुदा का फड़कना वाहन सुख देता है।
  •  कण्ठ के फड़कने से ऐश्वर्यलाभ होता है। 
  • ऐसे ही मुख के फड़कने से मित्र लाभ होता है और होंठों का फड़कना प्रिय वस्तु की प्राप्ति का संकेत देता है। 

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